Tuesday, 1 March 2016

काया रूपी चुनड़ी के रंग चढगो........... खाटू वालो श्याम मेरे मन बसगो

श्याम भजन 

काया रूपी चुनड़ी के रंग चढगो
खाटू वालो श्याम मेरे मन बसगो


काया रूपी चुनड़ी के रंग चढगो
खाटू वालो श्याम मेरे मन बसगो


श्याम रंग चुनड़ी या खाटू मैं रगाई है
आयो रंग चोखो म्हारे मन  हरसायी है
दूजो रंग ओडू कोणी मन नटगो  (खाटू वालो श्याम मेरे मन बसगो )


सत्संग रूपी गोटो लाग्यो भक्ति रूपी जाल है
श्याम नाम का तारा मोती साचो लाग्यो माल है
ओढ्या फिरू सगळा मेरा के घटगो (खाटू वालो श्याम मेरे मन बसगो )


ओढ़ कर या चुनड़ी मैं श्याम न दिखाउंगी
मीठी बात करके मैं तो श्याम ने रिझाउगी
दर्शन देने खातिर बाबो लेली चङ्गो  (खाटू वालो श्याम मेरे मन बसगो )


श्याम आयो पावणा म्हारे मन हरसायो है
बाजरा की रोटी साग फळीचा को बणायो है
फोगलियारो रयतो यो चट करगो  (खाटू वालो श्याम मेरे मन बसगो )


माया ममता कृष्णा सखी देखने आई है
होग्यो मन ज्ञान प्रीत श्याम से लगयी है
सीताराम सीत मीत सौदों पाटगो  (खाटू वालो श्याम मेरे मन बसगो )

1 comment: